शुक्रवार, नवंबर 7

दिल

"दिल "
दिल ही है सिने में ,
होता पत्थर तो
धड़कता ना होता,
है तेरी परवाह मुझको ,
वरना मै तडपता ना होता ,
किस्मत का नही कसूर ,
जरूर कुछ ओर बात होगी ,
ना हों सकी तो क्या ,
आज जरूर मुलाकात होगी ,
टूटे दिल को समझा के करो ,
फीर धड़कने के काबिल ,
साथ अगर हम चलेंगे तो ,
दूर नही कोई भी साहिल ....