मंगलवार, मई 5

अब आरजू सी रह गई


मेरे आंसुओं का क़र्ज़ है,तेरा फ़र्ज़ है अदा करो.


कोई दिल जब दुखाये तेरा,याद कर लिया करो


जब भी डरा तेरे लिए डरा यु ही बेवफा भी हो गया


है इसी में अब वफ़ा तेरी,ख़ुद से भी वफ़ा करो


मेरी आबरू थी तू कभी ,अब आरजू सी रह गई


कभी भूल से भुला न दू ,बन के ख्वाब मिला करो


तू चाँद मै ज़मीन हूँ, कम होंगे कभी न फासले


कब कहा मेरे साथ चल, मै रुकू तो तुम रुका करो


मंजिल मिले तो रुके सफर,चले तो चले जिंदगी


ये सिलसिला रहे ताजिंदगी,ना रुके ऐसी दुआ करो