बड़े बेताब है अब्र ,बड़ी खामोश हवा है
कोई बताये, भला इन्हे हुआ क्या है ?
सब्जोगुल का चेहरा मुरझाया सा लगा ,
किसी काँटों भरे हाथ ने छुआ क्या है ?
धुआं नही तो, फिर ये गुबार सा कैसा ?
उस और जो उठा , बता वो उठा क्या है ?
मुक़र्रर सजाये मौत है रकीबी के लिए,
बता तेरे मुल्क में ,इश्क की सज़ा क्या है ?
झुका दिया सर ,हर दरो दीवार पे हमने
न देखा की राम क्या-और खुदा क्या है ?