tag:blogger.com,1999:blog-8225071186332029230.post8719142689748812702..comments2024-01-09T13:42:59.306+05:30Comments on "ABHINNKALPNA": विरह के रंग-सीमा गुप्ता का प्रथम काव्य संग्रहअभिन्नhttp://www.blogger.com/profile/06944616806062137325noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8225071186332029230.post-23264379811081926082010-07-22T16:02:21.332+05:302010-07-22T16:02:21.332+05:30बहुत ही कोमल चित्र उकेरे हैं आदरणीया सीमा जी ने अप...बहुत ही कोमल चित्र उकेरे हैं आदरणीया सीमा जी ने अपने इस काव्य संग्रह में...और साधुवाद माननीय सुरेंदर "अभिन्नजी' का जिन्होंने अपने अपनी समीक्षा से सीमा जी के इस काव्य संग्रह की बड़ी विभिन्न आयामों से खुशबू हम तक पहुंचाई..आपकी समीक्षा सच में आपके नाम ही तरह अभिन्न है...शुर्किया 'अभिन्नजी' आभार !Narendra Vyashttps://www.blogger.com/profile/12832188315154250367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8225071186332029230.post-7076487804281713342010-03-29T13:09:15.509+05:302010-03-29T13:09:15.509+05:30dhnyavaad bhootnath ji..so nice of u.aap ke commen...dhnyavaad bhootnath ji..so nice of u.aap ke comment se to A.C.jaisa comfort milta hai.mureed to hum bhi ho gaye janaab keअभिन्नhttps://www.blogger.com/profile/06944616806062137325noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8225071186332029230.post-75550843119168481352010-03-27T12:03:12.422+05:302010-03-27T12:03:12.422+05:30hmmmmmmmmmmmmmm......kyaa baat kahi hai aapne seem...hmmmmmmmmmmmmmm......kyaa baat kahi hai aapne seema ji ke baare men.....seema ji ke pankhe to ham pahle se hain hi....apke bhi fan hui gave aaj se.......bhootnath ji....!!राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8225071186332029230.post-71002890820965558282010-03-22T09:46:34.627+05:302010-03-22T09:46:34.627+05:30आदरणीय पंकज सुबीर जी के मार्गदर्शन के तहत विरह के ...आदरणीय पंकज सुबीर जी के मार्गदर्शन के तहत विरह के रंग के साथ अपने पहले काव्य संग्रह को साकार रूप में देखना एक उपलब्धि से कम नहीं मेरे लिए. पंकज जी का आभार किन शब्दों में व्यक्त करूं समझ ही नहीं आ रहा. <br />वरिष्ट कवि तथा सुप्रसिद्ध गीतकार श्रद्धेय श्री रमेश हठीला जी का आभार शब्दों में व्यक्त करना मेरे लिए असंभव है , उन्होंने जिस प्रकार से मेरी कविताओं का भाव पकड़ कर भूमिका लिखी है वो अद्युत है. श्री हठीला जी ने मेरी कविताओं को नये और व्यापक अर्थ प्रदान किये उनकी लेखनी को मेरा प्रणाम. शिवना प्रकाशन की टीम वरिष्ठ साहित्यकार आदरणीय श्री नारायण कासट जी , वरिष्ट कवी श्री हरिओम शर्मा दाऊ जी का आभार जिन्होंने संग्रह के लिए कविताओं के चयन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. <br /><br />आभार युवा डिजाइनर सुरेंद्र ठाकुर जी का जिन्होंने मेरी भावनाओ तथा पुस्तक के शीर्षक विरह के रंग को बहुत अच्छा स्वरूप देकर पुस्तक का आवरण प्रष्ट डिजाइन किया और सनी गोस्वामी जी का जिन्होंने पुस्तक की आन्तरिक साज सज्जा तथा कम्पोजिंग का काम बहुत ही सुन्दरता से किया. आभार मुद्रण की प्रक्रिया से जुड़े श्री सुधीर मालवीय जी था मुद्रक द्रष्टि का भी जिन्होंने मेरी कल्पनाओ को कागज पर साकार किया.<br />आदरणीय पंकज सुबीर जी का बेहद आभार जिनके आशीर्वाद और सहयोग के बिना ये काव्य संग्रह एक सपना ही रह जाता. <br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8225071186332029230.post-21685682272325012122010-03-22T09:46:10.144+05:302010-03-22T09:46:10.144+05:30आभार आदरणीय सुरेंदर "अभिन्न "जी का जिन्...आभार आदरणीय सुरेंदर "अभिन्न "जी का जिन्होंने अपने शब्दों में मेरे काव्य संग्रह को एक नया आयाम दिया है. आपने जिस तरह विरह के रंग की समीक्षा की है उसके लिए दिल से आभारी हूँ.<br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.com