"कहाँ"
ज़मीन कहां ,आकाश कहां
आते हैं कब पास कहां ???
उठ जात है हज़ार उँगलियाँ ,
मेरी खुशी किसी को रास कहाँ???
पत्थर पे अक्स फूल की जो उभार दे,
ऐसे अब वो संगतराश कहाँ???
पतझर ही मिले जब भी मिले,
मेरे हिस्से के मधुमास कहाँ???
रुक जाओ के तफ्शीस कर लूँ ,
दिल कहाँ धड़कन कहाँ ,मेरी साँस कहाँ???
1 टिप्पणी:
premdewanay dekhain hain kya?
DEKHA HAI VANWAAS KAHAN
roohon ka tadapna dekha hai?
tumko hai abhas kahan
chanda aur chakor ko dekho!
phir yeh zameen aakash kahan
...........................'chakor'
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