शनिवार, मार्च 14

साँस

एक साँस ले चुका...

एक साँस बाकी है....

दो सांसों के बीच मैं

अटका हुआ अस्तित्व मेरा

मै मुर्दा भी नही ..................

अभी दूसरी साँस लेनी बाकी है

मै जीवन और मृत्यु के बीच

फंसी एक आत्मा हूँ

जिसने कभी मोक्ष नही चाहा

मंगलवार, मार्च 10

उमंगों के रंग




रंगों का आया है सुंदर त्यौहार
होली मनालो मुहब्बत से यार
रहे न वीरान ये हमारी धरा है जो
हरियाली से इसका करदो श्रींगार


नज़र न लगे इस अपने वतन को
तिरंगे फहरादों अन्तरिक्ष के पार

छू लो के रोशन हो जाए ये जीवन
मिट जाए मन के सभी अन्धकार

उस रंग से रंग दो जो जाए कभी न
तुम क्या कहोगे, उसे कहते है प्यार

रंगों का आया है पावन त्यौहार
उमंगों से इसको महका दो यार