"साथ देदे"
मुझको भी दोस्ती का कोई इनाम देदे
हंस के ले लूँगा गम तमाम देदे
रह न जाए मेरी आँख का कोना सुखा
झडी न सही चाँद लम्हों की बरसात देदे
देखता रहू तुम्हे और इस की तड़पन को
कोई तो सिसकती बिलखती मुझे एक रात देदे
देखो न मै कैसे रो रहा हू फुट कर
रोक ले या मेरा साथ देदे
1 टिप्पणी:
रह न जाए मेरी आँख का कोना सुखा
झडी न सही चाँद लम्हों की बरसात देदे
" wonderful presentation"
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