"dilkash afsaney hain, kuch khavb suhaney hain".
गुरुवार, अप्रैल 30
मेरे हक
मेरे हक़ जब तक मुझे मिल नहीं जाते ,सुनो ,
मै इस राह में नया एक चराग जलाता रहूँगा
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