तुम मिले तो ये एहसास हुआ,
कितना अधूरापन था, तेरे बगैर।
दिल जब तेरे दिल के पास हुआ,
कितना आवारापन था,तेरे बगैर ।
जिंदगी में जब कभी हताश हुआ
कितना बेगानापन था,तेरे बगैर ।
मुझे मुक्कमल होना रास हुआ ,
कितना अधुरा जीवन था,तेरे बगैर।
तेरे लफ़्ज़ों से लगाव खास हुआ,
कितना बेमानी जीवन था, तेरे बगैर।
मेरे हिस्से का भी मधुमास हुआ,
कितना सुखा उपवन था,तेरे बगैर।
5 टिप्पणियां:
प्रेमपगे मनोभाव..... सुंदर अभिव्यक्ति.....
दिल जब तेरे दिल के पास हुआ,
कितना आवारापन था,तेरे बगैर ।
" very emotional expressions....the image is unique with your words"
regards
अधूरापन, आवारापन,बेगानापन, था तेरे वगैर ।जीवन बेमानी था और सूखा उपवन था।
मिलन के पश्चात विरह की याद । अच्छे शेर । तेरे वगैर किसी चीज की कमी तो नहीं/ तेरे वगैर तबीयत उदास रहती थी। और अब -तुम आगये हो नूर आगया है।
तेरे लफ़्ज़ों से लगाव खास हुआ,
कितना बेमानी जीवन था, तेरे बगैर।
वाह क्या बात है ! बहुत सुन्दर !
मेरे हिस्से का भी मधुमास हुआ,
कितना सुखा उपवन था,तेरे बगैर।
भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई.
चित्र भी बहुत ही खूबसूरत है!
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