गुरुवार, अगस्त 9

मुहब्बत मर गई शायद

उसके सीने में अब दिल बुझे चिराग सा रह गया-/
मुहब्बत मर गई  शायद ,एक  दाग सा  रह गया-/
वो हँसता भी  है तो   कुछ टूट  के  बिखरने  जैसा,
सूख गया  वो दरिया जो दीखता झाग सा रह गया -/
     
    

                      

2 टिप्‍पणियां:

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह ...बहुत खूब

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

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