मंगलवार, सितंबर 16

"फूलों की क्या है कीमत "



फूलों की क्या है कीमत ये उनसे पूछिये ?
जो दिल की तरह देते है जो जान की तरह रखते है
यार ही होते है हमसफ़र हर डगर में दोस्तों
दिल के मंदिर में यार को भगवान की तरह रखते हैं
दुआओं का रखते है दोस्तों पे पहरा बैठा के
दोस्ती को किसी कीमती सामान की तरह रखते है
ये फूल जो जानते है सिर्फ मुस्कराना औरों के लिए
जाने दिल में गम कितने उस इंसान की तरह रखते हैं
जो भेजता है मुझको लम्बी उम्र की दुवाएं दूर से
हम भी उस को अपने दिल में
"मेहमान "की तरह रखते है

2 टिप्‍पणियां:

"अर्श" ने कहा…

दुआओं का रखते है दोस्तों पे पहरा बैठा के
दोस्ती को किसी कीमती सामान की तरह रखते है ...sundar rachana hai aap shayad yahan duaawon ka ke jagah pe ko karna chahenge .........thora wazaj kam laga aapke is rachana me aap jaise logon se kafi ummid rahti hai lekhan ki duniya me ,bharosa rahta hai aap sabon pe ..........wese thik hai badhai aapko ,swikaren.....

regards
Arsh

अभिन्न ने कहा…

आदरणीय अर्श साहेब जी ,
हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आप जैसे साहित्यप्रेमियों के कारण ही आज हमारा साहित्य हर विधा में फल फूल रहा है,मुझे बहुत ख़ुशी मिलती है जब आप जैसे लोग हम जैसे अपरिपक्व प्रयोगकर्ताओं का हौसला बढाते है,रचना को तबियत से पढने और उसकी खामियों की और ध्यान दिलाने के लिए शुक्रगुजार हूँ,
बाकि जिस पंक्ति की और आपने इशारा किया है उसमे जो मैंने लिखा है मै वही लिखना चाहता था
...की अच्छे दोस्त (जैसे की आप ) अपने दोस्तों पर अपनी दुवाओं का पहरा (केयर)रखते है और वे उनकी दोस्ती को किसी कीमती सामान की तरह ही रखते है
आपके सभी मशवरों का सदैव स्वागत रहेगा
शुक्रिया