
ये दिल तुम पर ये जान तुम पर,
हर खवाहिश मेरी कुर्बान तुम पर,
और बचा ही क्या अब पास मेरे ,
लुटा दी अपनी पहचान तुम पर,
घर की फिक्र क्या अब करे कोई,
आया ये दिल दिल के मेहमान तुम पर,
तमन्ना न रही कोई, चाहत न आरजू ,
खवाहिशे तुम पर लुटे अरमान तुम पर,
गुजर रहा है एक एक लम्हा तुमसे ही,
अब तो लुटे ये जिन्दगी ये ,
"जान भी तुम पर ..."
14 टिप्पणियां:
bahot hi sundar aur saral kalpana hai ,achhi bat likhi hai aapne....sundar rachana k liye aapko hardik badhai.....
regards
"beautiful expressions with sentiments"
Regards
बहुत ख़ूब साहब, वाह!
प्यार की पाकीजगी यही होती है.बहुत ही सरलता और सुन्दरता से उकेरा है आपने.
bahut khoob kya bat hai...
jari rahe..
iss kurbaani ko salaam... bahut hi sundar likha hai apane sureji
very emotional expression with good command over words selection.
if u change the colour scheme then it would be better ....for visitiors
दिल तुम पर ये जान तुम पर,
हर खवाहिश मेरी कुर्बान तुम पर,
और बचा ही क्या अब पास मेरे ,
लुटा दी अपनी पहचान तुम पर,
bahut khub.
nice post
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...हौसलाअफ़जाई के लिये हृदय से शुक्रगुजार हूँ.सब गुरु का आशिर्वाद है,
....आपकी आज ढेरों रचनायें पढ़ी बैठ कर.मजा आ गया.इतने सुन्दर भावों को उतने ही सुन्दर शब्दों में सजाने की महारत ये आपकी-क्या कहू...
शुभकामनायें
Tareef ka shukriya .. :)
Navratri/Durga ka asar tha heheh :)
bahut accha koi kisi ko saccha pyar kare to uski hadd yahi hogi
उम्मीद है आप इसी तरह दिल लुटाते रहेंगे .
शुभकामनाएं
आपके सुंदर पंक्तियों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद! बहुत दिन हो गया अपने कुछ नया पोस्ट नही किया! आपके नए कविता के लिए मैं इंतज़ार कर रही हूँ!
बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने!
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