क्या गुमसुम रहना तेरी प्रकृति है ?
क्या चिंताओं के मानचित्र को
तेरा ही चेहरा मिला पृष्ठभूमि के लिए
क्यों नही ? मुस्करा के इस रहस्य से
परदा उठा देते हो तुम,
कब तक मोनालिसा की भांति
रहस्य में लिपटी रहोगी तुम
उन आंखों के पानी का क्या हुआ ?
धरती के जल भंडारों की तरह
विलुप्त हो गया कहीं ?
2 टिप्पणियां:
jazbaat hai....
http://teri-galatfahmi.blogspot.com/
उन आंखों के पानी का क्या हुआ ?
धरती के जल भंडारों की तरह
हो गया विलुप्त कहीं ????
हूँ ...सहते सहते आँखों का पानी भी सूख ही जाता है......
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