रविवार, अक्तूबर 6

मैं जब उदास हो जाता हूँ,





मैं जब उदास हो जाता हूँ,
बहुत ही खास हो जाता हूँ -/


वो दरिया बन के मिलते हैं,

मैं जोर की प्यास हो जाता हूँ-/


कब तक रहोगे गुमशुदा ,

मैं तेरी तलाश हो जाता हूँ-/


वो सिमटे तो धरती हो गए,

मैं खुला आकाश हो जाता हूँ-/


धड़कन बना दिल के लिए ,

लब छुएं तो सांस हो जाता हूँ -/


पत्थर दिल कोई मिल जाये,

मैं संग तराश हो जाता हूँ -/


कोई टिप्पणी नहीं: