"dilkash afsaney hain, kuch khavb suhaney hain".
शनिवार, अप्रैल 20
मोम की छतरियां
मोम की छतरियों से ,
कड़ी धुप में ...
साया बना रहे हो-/
धुप तेज़ होगी
छतरियां पिघल जाएँगी
एक मुददत और सही ,
चलो .....
बारिशों का
इंतज़ार करते है
छतरियों के
साए में आने के लिए /
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें